पुरानी यादें

कलम उठाई है तो लब्ज भी मिलेंगे।                   ढूंढेगे तो पुराने शख्स भी मिलेंगे।                       नादां हैं वे ढूंढते हैं हमें नए आशियाननो में            अरे हम तो उनके पुराने ठिकानो में मिलेंगे नन्हा अंश

शिकायत

हमने तो शिकायत की ही थी आपसे,और आप हम पर मुस्कुराने लगे । हमने जो किया इजहार अपने प्रेम काआप खुद पर ही इतराने लगे । हुआ ना एहसास तुम्हें दर्द का मेरे ,गुरूर ए हुस्न में चूर हो जाने लगे । कोई बात नहीं आज के सिकंदर आप हैं ,तभी बेहोशी के होश मेंContinue reading “शिकायत”

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